माता कैकई निंदनीय नही अपितु वंदनीय है,यदि वह वनवास की कारक नही बनती तो रावण बध नही होता
रुदौली (अयोध्या)।अमानीगंज मार्ग पर नगर के मालिक जादा मोहल्ले में श्री राम कथा के सप्तम दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा वाचिका गौरी गौरांगी देवी जी अपनी ओज पूर्ण वाणी से श्री राम के आदर्श जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री राम जी ने जितना अपनी मां कौशल्या को आदर स्नेह दिया उतना माता कैकेई को भी दिया है वन जाते समय माता कैकेई से आज्ञा लेकर वन को प्रस्थान किया उनके लिए मां कैकई हमेशा वंदनीय रही है ।
श्री राम ने कभी भी मां कैकई को दोष नही दिया । देवी जी ने केवट के गंगा पार जाने का अदभुत व रोचक प्रसंग का जब वर्णन करते हुए कहा कि राम जी ने केवट से नाव मांगी और वो कहते की हम आपके मरम को जान गए है केवट ने भगवान को पार उतारा भगवान ने उतराई में केवट जी को अपनी विमल भक्ति प्रदान की , केवट जी ने बड़े बड़े संत महात्माओं को पीछे छोड़ दिया ।
इसी प्रकार बाली को प्राण छोड़ते समय उनके सम्मुख रहे बाली को अभय दान प्रदान करने की इच्छा जब प्रभु श्री राम ने जताई तो बाली ने कहा कोटि कोटि मुनि जतन कराई अन्त राम मुख निकसत नाही आज जब प्रभु मेरे सम्मुख खड़े है तो मुझे अपने नश्वर शरीर का कोई मोह नहीं है ।श्री राम के सामने अपने प्राणों को त्याग कर बाली मोक्ष को प्राप्त हो गया ।कथा को सुनने के लिए प्रतिदिन नर नारी की अपार भीड़ उमड़ रही है ।
कथा में सभासद नयागंज उमा शंकर कसौधन, संजय अग्रवाल ,विनोद कुमार मिश्रा प्रेमचंद्र कसौधन कोछा बाजार, अजय तिवारी कायस्थाना भाजपा नगर अध्यक्ष शेखर गुप्ता
अभय वैश्य जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता,नीरज द्विवेदी ,श्याम जी कसौधन पटरंगा , राम कैलाश लोधी श्याम जी अग्रवाल सहित काफी संख्या में क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।