कोर्ट के स्थगनआदेश की धज्जियां उड़ाते जमीन पर हो रहा कब्जा
पुलिस प्रशासन ने राजस्व मामला बताकर किए हाथ खड़े
पीड़ित अधिकारियों की दहलीज के लगा रहा चक्कर
हर कोई कोरा आश्वासन देकर उनकी न्याय की उम्मीद को कर रहे धूमिल
अम्बेडकरनगर : यूपी की योगी सरकार में भू-माफियाओं पर नकेल कसने के तमाम दावे किये जा रहे हैं। पर हकीकत ये है कि इस सरकार में भी जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत सच साबित हो रही है। उसपर भी जब पुलिस और राजस्व विभाग दबंगों के साथ मिल जाये तो सही और गलत में भला फर्क कैसा। मामला जनपद अंबेडकर नगर के बसखारी थाना क्षेत्र का जहां पर न्यायालय द्वारा विवादित भूमि पर दोनों पक्षों द्वारा कोई भी कार्य करने पर रोक लगाई गई है लेकिन एक पक्ष अपने डेढ़ दर्जन साथियों के साथ जबरन अवैध निर्माण करा रहा है जिसकी शिकायत स्थानीय लेखपाल व कानून गो सहित उच्च अधिकारियों से भी की गई है लेकिन कानून-गो कोई भी जानकारी होने से साफ इंकार कर रही हैं हालांकि पीड़ित पक्ष कानून-गो पर गंभीर आरोप भी लगा रहा है।
मामला दो विपरीत समुदाय का होने के कारण सामाजिक कार्यकर्ताओं के माथों पर पसीना नज़र आ रहा है।प्राप्त जानकारी के अनुसार टांडा तहसील के ग्राम सभा बेला परसा में स्थित गाटा संख्या 1359 को लेकर अली ज़फर पुत्र शफीक अहमद तथा विनोद व मनोज आदि के बीच मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उक्त भूमि पर न्यायालय द्वारा अग्रिम आदेश तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश किया गया है।मुकदमा वादी अली ज़फर द्वारा अपर जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर बताया गया कि उक्त स्टे आदेश के बावजूद विपक्षी विनोद कुमार व मनोज कुमार अपने लगभग 20 साथियो के साथ जबरन अवैध निर्माण करा रहे हैं।
श्री अली ने गोहार लगाते हुए कहा कि अगर उक्त भूमि पर विपक्षियों का कब्जा हो जाएगा तो उसे बड़ा नुकसान होगा।पीड़ित का दावा है कि उसने स्थानीय लेखपाल को बताया तो उसे कानून-गो से बात करने के लिए कहा गया। पीड़ित स्थानीय थाना बसखारी पर जाकर गोहार लगाई लेकिन पुलिस ने मामला राजस्व सम्बन्धित होने के कारण हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।राजस्व निरीक्षक अंकिता सिंह से मोबाइल पर वार्ता किया तो उन्होंने ये कहकर फोन काट दिया कि उन्हें जानकारी नहीं है।
राजस्व निरीक्षक के क्षेत्र में स्टे की भूमि पर अवैध ढंग से कब्जा हो रहा है और उसकी जानकारी पीड़ित स्वयं कानून-गो को दे रहा है लेकिन कानून-गो का उक्त मामले में साफ इंकार किसी और तरफ इशारा कर रहा है। पीड़ित परिवार ने दावा किया कि कानून-गो अंकिता सिंग की सह पर ही विपक्षयों द्वारा ज़बरन अवैध कब्जा किया जा रहा है। राजस्व विभाग व पुलिस दोनों मूकदर्शक बनी हुई हैं जबकि पीड़ित पक्ष अधिकारियों की चौखटों को नापने में लगा हुआ है।लेकिन हर कोई कोरा आश्वासन देकर उनकी न्याय की उम्मीद को धूमिल कर दे रहा ।
पीड़ित अपनी जमीन को दबंगों के कब्जे से निकालने के लिए गुहार लगा रहा है लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।यानि जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जमीन पर अवैध या जबरन कब्जा रोकने की बात कह रहे हैं तो वहीं प्रशासनिक अधिकारी के सह पर इसे बढ़ावा भी मिल रहा है ।