अंबेडकरनगर । जनपद के टांडा विधानसभा सीट पर वोटों के बिखराव से बसपा को फायदा हो सकता है। बसपा ने भी मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारा है कांग्रेस ने यहां पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है। ऐसे में सपा का खेल बिगड़ सकता है। वैश्य समाज के बागी होने के बाद भाजपा के लिए इस बार पर इस सीट पर फिर से कमल खिलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। पार्टी भी इस बात को बखूबी समझ रही है। चुनाव में बसपा और सपा के बीच सीधी टक्कर के आसार हैं। सपा का प्रत्याशी मुकाबले में कमतर नहीं होगा, ऐसे में कांग्रेस के दांव से बसपा को चुनाव में संजीवनी मिल सकती है। मुस्लिम वोटों में बिखराव से बसपा को इसका फायदा मिलेगा। पार्टी यही अनुमान लगा रही है। संजू देवी का टिकट कटने के पश्चात वैश्य समाज ने बगावत का रास्ता अख्तियार कर लिया। इसी प्रकार मोहम्मद गौस अशरफ को सपा से टिकट ना मिलने पर मोहम्मद गौस अशरफ ने पिछले महीनों में वह सपा छोड़कर बसपा का दामन थाम चुके हैं। पार्टियों के कार्यकर्ताओं के टिकट ना मिलने के पश्चात दावेदारों के बागी होने के बाद भाजपा के लिए टांडा विधानसभा सीट काफी महत्वपूर्ण हो चुकी है।पार्टी के लोग भी इस बात को बखूबी मान रहे हैं। इसलिए इस सीट को लेकर पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रखेगी। कोशिश यही है कि दोबारा से इस सीट पर कमल खिलाया जाए, लेकिन 2017 की तरह इस बार राह आसान नहीं है।
सियासत की धुरी दो पार्टियों के बीच ही घूम रही है। बसपा और सपा का ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है।ऐसे में टांडा विधानसभा सीट पर सपा से जो भी प्रत्याशी से बसपा प्रत्याशी की लड़ाई कांटे की है, बसपा द्वारा विधानसभा टांडा सीट से मुस्लिम महिला को प्रत्याशी के रूप में उतारने से कहीं न कहीं बसपा को इसका फायदा होता दिख रहा है। बसपा में फायदे को लेकर गुणा-गणित लग रहे हैं। पार्टी से जुड़े लोग मान रहे हैं कि कांग्रेस के मेराजुद्दीन किछौछवी को प्रत्याशी बनाए जाने से बसपा की चुनावी डगर आसान नहीं है।
वोटों का बिखराव हुआ तो कांग्रेस को होगा फायदा, भाजपा का दांव दे सकता है संजीवनी
For You