प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार सात फरवरी से इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ, दोनों में हाईब्रिड मोड में सुनवाई किए जाने का फैसला लिया है। अधिवक्ता वर्चुअल के साथ कोर्ट रूम में उपस्थित होकर भी सुनवाई में हिस्सा लें सकेंगे। जबकि, कर्मचारियों और वादकारियों की उपस्थिति पर प्रतिबंध रहेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासनिक कमेटी की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। कमेटी ने आदेश पारित किया है कि सात फरवरी से इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ, दोनों में वर्चुअल और फिजिकल मोड में सुनवाई की जाएगी। कोर्ट रूम में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाएगा।अधिवक्ताओं के कर्मचारियों और वादकारियों के प्रवेश पर रोक रहेगी। कोर्ट रूम के संचालित रहने के दौरान अधिकतम 10 अधिवक्ता मौजूद रह सकेंगे। हाईकोर्ट ने यह निर्णय कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए लिया है।इसके पहले हाईकोर्ट प्रशासनिक कमेटी ने तीन जनवरी से वर्चुअल मोड में सुनवाई का फैसला लिया था लेकिन अधिवक्ताओं के विरोध को देखते हुए हाईब्रिड मोड में सुनवाई शुरू कर दी गई। लेकिन कोरोना के नए मामलों में तेजी आने पर 12 जनवरी से फिर से केवल वुर्चअल मोड में सुनवाई शुरू हुई। तबसे लगातार वर्चुअल सुनवाई हो रही है। जबकि, अधिवक्ताओं की ओर से फिजिकल सुनवाई शुरू करने की मांग की जा रही थी। कुछ अधिवक्ताओं की ओर से क्रमिक अनशन भी किया जा रहा था।