



राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन की 97 वीं कड़ी का भव्य आयोजन
आजादी का अमृत महोत्सव और एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के अंतर्गत काशी हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में
राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन की 97 वीं कड़ी के मुख्य अतिथि के रूप विज्ञान संकाय की अध्यक्ष प्रोफ़ेसर मधुलिका अग्रवाल ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का मूल उद्देश्य युवाओं में भारतीय संस्कृति के विविध पक्षों को के बारे में सांस्कृतिक चेतना उत्पन्न करना है । उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम और आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के माध्यम से हम उन भूले बिसरे स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहे हैं जिनके बलिदान के कारण ही हम ।आज स्वतंत्र हैं और आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में अरुणोदय विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रोफ़ेसर बी एन शर्मा ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।
समारोह की अध्यक्षता नौटंकी शैली के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार पद्मश्री पंडित रामदयाल शर्मा ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्वयंसेविका सुश्री च्युइंगम वांगजेन (अरुणाचल प्रदेश ) द्वारा प्रस्तुत वाॅग्चो समुदाय के लोक नृत्य से हुआ ।
दिल्ली के किशोर कलाकार श्रेयांश गुप्ता ने तबला तीन ताल की प्रस्तुति की।
इसके उपरांत वाराणसी की सुश्री सुमेधा सिंह द्वारा राग मारू बिहाग में शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति की गई। इन्होंने अपने कार्यक्रम का समापन मीराबाई की रचना प्रभु मोरे अवगुण चित ना धरो के गायन से किया।
कार्यक्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के मंच कला संकाय की प्रमुख प्रोफ़ेसर लावणी कीर्ति सिंह काव्या जोधपुर के जाने-माने लोक संगीत के कलाकार पंडित सतीश बोहरा राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार के महानिदेशक पंडित देवेंद्र वर्मा, प्रोफेसर पंकज माला शर्मा, पंडित मंगलेश कुमार, डॉ सच्चिदानंद त्रिपाठी, डॉ पूनम जयसवाल, सुश्री निधि सहित अनेक अतिथिगण उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ बाला लखेंद्र ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अरुणोदय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ पंकज बोरा ने किया।
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