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मां बनना सौभाग्य, पर सिजेरियन के बाद स्वस्थ शिशु और मां का सही आहार क्या हो जानिए : आचार्य डॉआर पी पांडे
सिजेरियन के बाद सर्वोत्तम आहार
सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या खाएं और क्या न खाएं, इसके लिए अपनी एक आहार योजना तैयार करें। आप अपने आहार में उन खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकती हैं जिनमें एक माँ के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मौजूद हों। नीचे कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए हुए हैं जिनके सेवन से सिजेरियन के बाद महिला तेजी से ठीक हो सकती है।
आइए जानते हैं।
अगर डायबिटीज है तो
डॉक्टर के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को शुगर की समस्या हो जाती है। इस स्थिति में प्रेग्नेंसी के दौरान और इसके बाद में उन्हें ऐसी डायट लेनी चाहिए, जिसमें शुगर की मात्रा न्यूनतम हो। सिजेरियन के मामले में डायट में शुगर होने से टांके प्रभावित हो सकते हैं। महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि वो मीठा खाने से परहेज करें।
नींद की दवाइयां ना खाएं
डॉक्टर के अनुसार प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को नींद के लिए स्लीपिंग टैबलेट्स (sleeping tablets) का बिलकुल भी सेवन नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के बाद स्लीपिंग पिल्स खाने से शिशु की बॉडी पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
एनीमिया से पीड़ित महिलाएं खाएं ये सब
डॉक्टर गंधाली ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं की बॉडी में आयरन की कमी हो जाती है। इसे एनीमिया के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद आयरन युक्त डायट लेनी चाहिए। आयरन से भरपूर फूड की पहचान करना बेहद आसान है। आमतौर पर इन सब्जियों और फलों का रंग लाल होता है। इसके अलावा आयरन से भरपूर चीजों में सेब, कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, अनार, गाजर, बीट रूट और टमाटर और गुड़ शामिल है।
आयरन युक्त फूड खाने से महिला और शिशु दोनों की बॉडी में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ेगी, जिससे एनीमिया का खतरा कम होगा। हालांकि, महिला जो भी खाती है उसका कुछ हिस्सा स्तनपान के जरिए शिशु की बॉडी में भी जाता है।
प्रोटीन, मिनरल और कैल्शियम युक्त आहार
प्रोटीन महिलाओं में उपचार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए नए ऊतकों की वृद्धि में मदद करता है। प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ ऊतकों को ठीक करते हैं और सर्जरी के बाद मांसपेशियों की शक्ति को बनाए रखते हैं। दूसरी ओर, कैल्शियम हड्डियों और दाँतों को मजबूत करता है, मांसपेशियों को आराम देता है, रक्त जमाव को रोकता है और ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचाव करता है। नवजात शिशु में 250 से 350 मिलीग्राम कैल्शियम स्तनपान के माध्यम से पहुँच सकता है।
कम वसा वाले दुग्ध उत्पाद
कम वसा युक्त दूध, कम वसा–युक्त दही, चीज़, बीन्स और सूखे मटर–ये सभी खाद्य पदार्थ प्रोटीन व विटामिन के उचित विकल्प हैं।
दाल
प्रोटीन से भरपूर होती है। तिल के बीज में आयरन, कॉपर, कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है।
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— अयोध्यालाइव (@ayodhyalive2) June 5, 2022
साबुत अनाज
साबुत अनाज से बने खाद्य पदार्थ, जैसे पास्ता, ब्राउन ब्रेड और ब्राउन राइस को अपने आहार में शामिल करें क्योंकि यह कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं जो ऊर्जा के स्तर और माँ के दूध के उत्पादन को बनाए रखने में मदद करते हैं। अनाज में आयरन, फाइबर और फोलिक एसिड मौजूद होते हैं और ये पोषक तत्व शिशु के विकास के प्रारंभिक चरण में आवश्यक होते हैं। जिन माँओं की रात में नींद नहीं होती है और सुबह तकलीफ होती है उन्हें अपने दिन की शुरुआत साबुत अनाज के नाश्ते से करनी चाहिए।
विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ
विटामिन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और ऊतकों को ठीक करने में मदद करते हैं। यह शरीर में कोलेजन के उत्पादन में सहायता करते हैं जो नए स्कार टिशू, स्नायुबंधन और त्वचा के निर्माण में मदद करता है।
जैसे ब्रोकोली, पालक और मेथी के पत्ते जैसी सब्जियां विटामिन ‘ए’ व ‘सी’, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होते हैं। संतरे, पपीते, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, अंगूर और शकरकंद जैसे फल विटामिन ‘सी’ से भरपूर होते हैं, जो संक्रमण खत्म करने और इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करते हैं।
फाइबर–युक्त खाद्य पदार्थ
कब्ज के कारण चीरे व घाव में दबाव से उपचार प्रक्रिया में देरी हो सकती है, इस समस्या को ठीक करने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करें। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ मल–त्याग को सरल बनाने में मदद करते हैं और पेट साफ रखते हैं।
कच्चे फल और सब्जियां
रूहगेज नामक फाइबर से भरपूर होते हैं और कब्ज से राहत देते हैं। ओट्स और रागी में भी फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है और यह कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन का बेहतरीन स्रोत भी है।प्रोटीन और फाइबर के लिए अपने आहार में दाल, हरे चने व बीन्स शामिल करें।
आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ
प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर में गैस जमा होती है। प्रसव के बाद महिलाओं को उन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जो गैस व कब्ज का कारण बन सकते हैं। सी–सेक्शन के बाद आपको जंक फूड और कार्बोनेटेड पेय से बचना चाहिए और सूप, चीज, दही और अन्य वस्तुओं का सेवन करना चाहिए क्योंकि ये सरलता से पच जाते हैं।
आयरन युक्त खाद्य पदार्थ
आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखता है और प्रसव प्रक्रिया के दौरान खोए हुए रक्त को वापस पाने में मदद करता है। आयरन इम्युनिटी बूस्टर भी है। अंडे की जर्दी, रेड मीट, सीप, और ड्राई फ्रूट्स जैसे खाद्य पदार्थ आयरन के समृद्ध स्रोत हैं। 19 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए आयरन की आवश्यक मात्रा प्रति दिन 9 मिलीग्राम है। आयरन के अत्यधिक सेवन से कब्ज हो सकता है और इससे बचना चाहिए।
तरल पदार्थ
बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से डिहाइड्रेशन और कब्ज को दूर रखने में मदद मिलती है। सर्जरी के बाद ठीक होने में तरल पदार्थ का सेवन मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है। नारियल पानी, कम वसा वाले दूध, साइट्रस–मुक्त रस, हर्बल टी, छाछ और सूप जैसे तरल पदार्थ आवश्यक पोषक तत्वों के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा 8 से 10 गिलास पानी पीने से भी आपको अधिक मदद मिल सकती है।
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— अयोध्यालाइव (@ayodhyalive2) June 5, 2022
कैल्शियम फोर्टीफाइडपेय
कम वसा युक्त दही और दूध जैसे तरल पदार्थ महिलाओं में दूध की आपूर्ति को पूर्ण करते हैं जो शिशु का दैनिक आहार है । इस अवधि में कॉफी, चाय जैसे कैफीन–युक्त पेय पदार्थों से बचें क्योंकि यह आपके दूध में प्रवेश कर सकते हैं और शिशु की नींद को भी प्रभावित कर सकते हैं।
दुग्ध उत्पाद
कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, जैसे कम वसा–युक्त दूध, कम वसा–युक्त दही और चीज में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन ‘बी’ और ‘डी’ की भरपूर मात्रा होती है। मिनरल–युक्त आहार स्तनपान करवाने वाली मांओं के लिए आवश्यक होते हैं और महिलाओं द्वारा रोजाना इनका कम से कम 500 मि.ली. सेवन किया जाना चाहिए।
सब्जियां और फल
सिजेरियन के बाद महिलाओं के लिए फल व सब्जियां अत्यधिक फायदेमंद होती हैं क्योंकि इनमें विटामिन, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। बीन्स, पालक और ब्रोकोली के अलावा, अपने आहार में कमल ककड़ी और मेथी को शामिल करना एक बेहतर उपाय है। शाकाहारी लोगों के लिए मशरूम और गाजर प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। स्तनपान कराने वाली मांओं को ब्लूबेरी के एंटीऑक्सीडेंट गुणों और विटामिन ‘सी’ से भरपूर खट्टे फलों का अधिक फायदा मिल सकता है।
अन्य खाद्य पदार्थ
ऊपर दिए हुए खाद्य पदार्थ व मसाले प्रसव के बाद एक महिला को अपनी शारीरिक समस्याओं से उबरने में मदद करते हैं। जीरा, मेथी, हल्दी, अदरक और लहसुन और अजवाइन जैसे मसालों में औषधीय गुण होते हैं और कुछ मसाले जैसे हल्दी और इत्यादि में एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीफंगल गुण होते हैं जो शारीरिक सूजन को खत्म करने में मदद करते हैं।
सिजेरियन से उबरने के लिए कुछ भारतीय मसाले
भारतीय खाद्य पदार्थ प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और भारतीय खाद्य पदार्थों से युक्त एक अच्छी आहार योजना सिजेरियन के बाद महिलाओं की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करती है। भारत में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे मेथी के बीज, सौंफ, जीरा, लौकी, पालक, मसूर की दाल, ओट्स और दलिया प्रसव के बाद माँ में दुग्ध की आपूर्ति को पूर्ण करते हैं।
सी–सेक्शन के बाद जल्दी उबरने में मदद के लिए निम्नलिखित भारतीय मसाले आहार में शामिल करने चाहिए।
हींग:– प्रसव के बाद आहार में हींग शामिल करने से बेहतर पाचन में मदद मिलती है और गैस/पेट फूलने की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है।
जीरा:- पाचन और माँ में दूध के उत्पादन में भी मदद करता है।
अजवाइन:- अजवाइन का सेवन पाचन में मदद करता है और पाचन तंत्र के लिए बहुत सौम्य होता है। अजवाइन की सुगंध दूध में भी आती है जिससे शिशु को पाचन व मल त्याग में मदद करती है।
सिजेरियन प्रसव के बाद क्या न खाएं।
सी–सेक्शन के बाद आपकी सामान्य गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि इस दौरान आपको अधिक से अधिक आराम करने की सलाह दी जाती है। चूंकि आप अपने शरीर द्वारा अधिक गतिविधियां नहीं कर पाएंगी इसलिए संतुलित मात्रा में भोजन करना महत्वपूर्ण है और ऐसी चीजें बिलकुल भी न खाएं जो पचने में अत्यधिक समय लगाते हैं। इसके अलावा, प्रसव के प्रभावों को ठीक करने के लिए शरीर को मिनरल व पोषण–युक्त भोजन की आवश्यकता होती है जो किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचने में मदद करते हैं।
सिजेरियन के बाद निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
मसालेदार भोजन से बचें:- क्योंकि इससे गैस्ट्रिक समस्या हो सकती है और स्तनपान के दौरान इसका स्वाद शिशु के दूध में भी आ सकता है।कार्बोनेटेड पेय और सिट्रस जूस न लें क्योंकि इससे आपको गैस की समस्या हो सकती है।
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— अयोध्यालाइव (@ayodhyalive2) May 13, 2022
कॉफी और चाय जैसे कैफीन:- युक्त पेय पदार्थ न लें क्योंकि कैफीन बच्चे के विकास में समस्या उत्पन्न कर सकता है। शराब शिशु के विकास और माँ के स्तनों में दूध की आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है इसलिए शराब बिलकुल भी न पीएं।
ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें जिनसे गैस बनती है। प्रसव के बाद लगभग 40 दिनों तक उड़द की दाल, छोले, लोभिया, राजमा, चना, बेसन, अचार, हरी मटर, सूखी मटर और फूलगोभी, गोभी, भिंडी, ब्रोकली और प्याज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। इस बात का ध्यान रखें कि आप ठंडा व आधा पका हुआ भोजन बिलकुल भी न करें।
खमीर:–युक्त, तला हुआ और फास्ट फूड का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें।
सी–सेक्शन के बाद शुरूआती 3-4 दिनों के लिए घी और चावल से बचें।
सिजेरियन प्रसव के बाद उचित आहार किस प्रकार लें।
सिजेरियन प्रसव के बाद आहार से संबंधित निम्नलिखित टिप्स की मदद से आप अनेक लाभ पा सकती हैं।
दिन में तीन बार बहुत सारा भोजन करने के बजाय, पूरे दिन में 5 या 6 बार थोड़ा–थोड़ा भोजन करने का प्रयास करें।
भोजन के बीच दो घंटे का अंतराल बनाए रखें।
यदि आपको भूख लगती है तो आप अंत में कुछ फल या नट्स खा सकती हैं।
ऐसी चीजें खाएं जिन्हें पचाना आसान हो
न्यू मॉम्स को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वे ऐसी चीजें खाएं जिन्हें पचाना आसान हो ताकि पेट में गैस बनने या पेट फूलने की दिक्कत ना हो। ऐसा इसलिए क्योंकि डिलिवरी के बाद अक्सर पेट में गैस बनने लगती है। लिहाजा इस बात का ध्यान रखें कि आप जो भी खाएं वो आराम से पच जाए और डाइजेशन में किसी तरह की दिक्कत ना हो। कब्ज और गैस की दिक्कत दूर करने के लिए आप अपने लिक्विड इनटेक और फ्लूइड्स को भी बढ़ा सकती हैं। आप चाहें तो हींग, जीरा और अजवाइन का भी सेवन कर सकती हैं। इससे भी पेट में गैस बनने की दिक्कत नहीं होती।
विटमिन से भरपूर डायट
सी सेक्शन डिलिवरी के बाद विटमिन्स भी शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। इससे नए टीशू को बनाने में मदद मिलती है। पालक, ब्रॉकली, मेथी दाना आदि विटमिन ए और विटमिन सी के बेहतरीन सोर्स हैं और इनमें डायट्री कैल्शियम और आयरन भी होता है। इसके अलावा न्यू मॉम्स को संतरा, तरबूज, स्ट्रॉबेरी और अंगूर जैसे फल भी खाने चाहिए जिससे उनकी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनती है और इंफेक्शन का खतरा कम से कम रहता है।प्रेग्नेंसी के दौरान ही नहीं बल्कि डिलिवरी के बाद भी न्यू मॉम के लिए हेल्दी डायट का सेवन करना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ आपको जल्दी रिकवर करने में मदद मिलती है बल्कि नवजात शिशु को जरूरी पोषक तत्व भी मां से ही मिलते हैं क्योंकि इस दौरान बच्चा सिर्फ मां के दूध पर ही निर्भर रहता है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि मां अच्छी तरह से खाए-पिए और खासकर हेल्दी चीजें खाए ताकि बच्चे को जरूरी न्यूट्रिशन मिल सके। लेकिन अगर आपकी डिलिवरी नॉर्मल न होकर सिजेरियन हुई है तो आपके लिए हेल्दी डायट और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है ताकि सर्जरी के दौरान आपके गर्भाशय को जो भी नुकसान हुआ हो वो जल्द से जल्द ठीक हो जाए।
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