परिवहन विमान निर्माण केंद्र की रखी गई नींव, PM बोले- परिवहन विमानों का प्रमुख उत्पादक बनेगा भारत
पीएम मोदी ने रविवार को गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए सी-295 परिवहन विमान विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखी। इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा, भारत परिवहन विमानों का प्रमुख उत्पादक बनेगा। उल्लेखनीय है कि आज जिस विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखी गई है उसका उपयोग टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, स्पेन के सहयोग से भारतीय वायुसेना के लिए 40 सी-295 विमानों के निर्माण के लिए किया जाएगा। यह केंद्र रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। केवल इतना ही नहीं इस प्रोग्राम से विमान निर्माण के क्षेत्र में निजी कंपनियों की क्षमता सामने लाने में भी अच्छी मदद मिलेगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें गांधीनगर में हाल ही में पांच दिवसीय डेफएक्सपो के बाद, आज वडोदरा में सैन्य विमानों के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की नींव रखी गई है। इसे गुजरात के लिए रक्षा क्षेत्र में दूसरी बड़ा कदम बताया जा रहा है। इससे पहले सितंबर में, वेदांत लिमिटेड ने अपने सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट के लिए गुजरात को चुना था, जो ताइवान के फॉक्सकॉन के साथ $20 बिलियन के संयुक्त उद्यम में पहला बड़ा कदम था।
दुनिया के यात्री विमान भी भारत में ही बनेंगे
सबसे खास बात यह है कि यह ‘मेक इन इंडिया’ के तहत टाटा समूह वडोदरा में वायु सेना के लिए 40 फ्रांसीसी परिवहन विमान सी-295 का निर्माण करेगा जबकि पहले 16 विमानों का उत्पादन स्पेन में होगा और यूरोपियन कंपनी एयरबस चार साल के भीतर ‘फ्लाइंग मोड’ में भारत को इनकी आपूर्ति करेगी। शेष 40 विमानों का निर्माण करने के लिए पीएम मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखी है। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘मेक-इन-इंडिया’ और ‘मेक-फॉर-वर्ल्ड’ दृष्टिकोण वाला भारत अपने सामर्थ्य को और बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दुनिया के यात्री विमान भी भारत में ही बनेंगे और उन पर मेड इन इंडिया लिखा होगा।
भारत अब परिवहन विमानों का प्रमुख उत्पादक बनेगा
उन्होंने कहा कि भारत अब परिवहन विमानों का प्रमुख उत्पादक बनेगा। आज भारत में इसकी शुरुआत हो रही है। ऐसा अनुमान है कि आने वाले 10-15 वर्षों में भारत को 2,000 से अधिक यात्री और मालवाहक विमानों की आवश्यकता होगी। भारत पहले से ही इस बड़ी मांग को पूरा करने की तैयारी कर रहा है।
2025 तक रक्षा निर्माण 25 अरब डॉलर से अधिक का हो जाएगा
पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र दो महत्वपूर्ण स्तंभ होंगे। 2025 तक रक्षा निर्माण 25 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हम भारत को दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। भारत आज अपना लड़ाकू विमान बना रहा है। हम टैंक और पनडुब्बी बना रहे हैं। यहां बने ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से न सिर्फ हमारी सेना को ताकत मिलेगी, बल्कि देश में एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक नया इकोसिस्टम भी विकसित होगा।
एयर ट्रैफिक के मामले में हम दुनिया के टॉप तीन देशों में पहुंचने वाले हैं
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होता एविएशन सेक्टर है। एयर ट्रैफिक के मामले में हम दुनिया के टॉप तीन देशों में पहुंचने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया के सुनहरा मौका लेकर आया है। कोरोना और युद्ध से बनी परिस्थितियों के बावजूद, सप्लाई चेन में रुकावटों के बावजूद, भारत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का विकास की गति बना हुआ है।
न्यू इंडिया अपने विकास को दे रहा है गति
पीएम मोदी ने कहा कि प्रगति का एक प्रमुख पहलू है मानसिकता में बदलाव। बदलती मानसिकता के लिए सरकार की लगातार प्रतिबद्धता के कारण न्यू इंडिया अपने विकास को गति दे रहा है। पिछले 8 वर्षों में हमने स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया, उसके लिए एक माहौल तैयार किया। इन सभी बदलावों को आत्मसात करते हुए, आज मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारत की विकास यात्रा इस पड़ाव पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि आज का भारत, एक नए माइंडसेट, एक नए वर्क कल्चर के साथ काम कर रहा है। हमने काम चलाऊ फैसलों का तरीका छोड़ा है और निवेशकों के लिए कई तरह के प्रोत्साहन लेकर आए हैं। हमने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना लॉन्च की, जिससे बदलाव दिखने लगा।
भारत में निजी क्षेत्र द्वारा एक सैन्य विमान का निर्माण होगा संभव
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस कदम से अब भारत में निजी क्षेत्र द्वारा एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा, जो दशकों से रक्षा सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के आभासी एकाधिकार को तोड़ देगा। यह परियोजना भारत में एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को
बढ़ावा देगी। इसमें देश भर में फैले कई MSMEs विमान के कुछ हिस्सों के निर्माण में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान और घरेलू विमानन निर्माण परियोजना को बढ़ावा देगी, जिससे भारत की आयात पर निर्भरता कम होने के साथ ही निर्यात में अपेक्षित वृद्धि होगी। इससे भारतीय निजी क्षेत्र को विमानन प्रौद्योगिकी और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का मौका भी मिलेगा।
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