उपकर जमा कराने में हीलाहवाली पर मंडलायुक्त ने जताई नाराजगी
-कहा श्रम विभाग को उपलब्ध कराएं निर्माण स्वीकृति और आदेश की प्रति
अयोध्या। प्रदेश की सत्ता पर दुबारा काबिज होने के बाद एक ओर जहां भाजपा सरकार की ओर से लोकलुभावन योजनाओं का खाका खींचा जा रहा है, वहीं योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिये सरकार राजस्व वसूली को लेकर सख्त हो गई है। निर्माण कार्यों के पंजीकरण और लागत का एक फीसदी उपकर जमा कराने को लेकर निर्देश के बाद प्रशासन ने इसको अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है।
मंडलायुक्त ने इस संबंध में विभागों के साथ समीक्षा कर निर्माण स्वीकृति और आदेश की एक प्रति श्रम विभाग को उपलब्ध कराने की हिदायत दी है जिससे उपकर को जमा कराना सुनिश्चित किया जा सके।
भवन एवं सन्निर्माण (नियोजन एवं सेवाशर्त विनियम) अधिनियम 1996 के अन्तर्गत भवन एवं सन्निर्माण कार्यो से सम्बंधित सेवायोजकों द्वारा निर्माण कार्य/कार्य स्थलों (प्रतिष्ठानों) का पंजीयन कराया जाना अनिवार्य है एवं तत्सम्बंधी कल्याण उपकर अधिनियम 1996 के अन्तर्गत निर्माण कार्यो पर (निजी रिहायशी भवनों को छोड़कर कुल लागत 10 लाख से कम है) की एक प्रतिशत उपकर के रूप में जमा कराये जाने का प्राविधान है। नियम 4(4) में व्यवस्था दी गयी है कि पूर्वानुमति के आवेदन के साथ देय उपकर की धनराशि का बैंक ड्राफ्ट जमा कराया जाय।
नियम-5 के तहत उपकर के मद में काटी गयी धनराशि सम्बंधित शासकीय विभाग, कार्यदायी संस्था, उद्यम एवं निकाय द्वारा उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को 30 दिन के भीतर उपलब्ध कराना है, जिससे इस राशि का प्रयोग पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के निर्माण हेतु संचालित योजनाओं के लिए किया जा सके। अनुपालन कराने के लिये शासन की ओर से जिलाधिकारियों व विभिन्न विभागों के अधिकारियों को उपकर निर्धारण अधिकारी एवं उपकर संग्राहक नियुक्त किया है। बावजूद इसके विभाग न तो निर्माण की सूचना दे रहे हैं और न ही उपकर जमा करा रहे हैं।
मंगलवार को मण्डलायुक्त नवदीप रिणवा ने बताया कि समीक्षा में पता चला कि ज्यादातर शासकीय विभागों की ओर से निर्देशों का पालन किया जा रहा है लेकिन तमाम विभाग द्वारा न तो अधिष्ठानों का पंजीयन करा रहे है और न ही एक प्रतिशत उपकर की धनराशि ही जमा करा रहे है, जबकि अधिसूचना में इनको उपकर निर्धारण अधिकारी एवं उपकर संग्राहक ‘भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996(अधिनियम संख्या 28 सन् 1996) तथा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर नियमावली 1998 के अधीन उपकर एवं संग्रह के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी बनाया गया है।
जिन मामलों में उपकर की धनराशि की कटौती संविदाकारों के बिलों से की जा रही है, उनकी न तो श्रम विभाग को सूचना दी जा रही है और न ही उपकर की कटौती की धनराशि समय से भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के खाते में जमा करायी जा रही है। इतना ही नहीं विकास प्राधिकरण, नगर निकाय, जिला पंचायत, विनियमित क्षेत्र हेतु नियुक्त प्राधिकारी, अपर आयुक्त उप्र आवास विकास परिषद, रेरा द्वारा निर्माण कार्यों की स्वीकृति दिए जाने के मामलों में मानचित्र/निर्माण परियोजना की स्वीकृति के पूर्व देय उपकर की धनराशि भी भवनपति से प्राप्त करते हुए समयबद्ध रूप से बोर्ड के खाते में जमा करके श्रम विभाग को सूचित नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त अयोध्या, उपाध्यक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, संयुक्त शिक्षा निदेशक, उपनिदेशक पंचायत व मण्डी परिषद, सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक, मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता, सिंचाई कार्य, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण अभिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड, नलकूप विभाग, जलनिगम, मुख्य परियोजना प्रबन्धक उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड व समस्त प्रभारी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत को हिदायत दी गई है कि विभाग द्वारा निर्माण कार्यों के स्वीकृति आदेश/कार्यादेश की एक प्रति स्थानीय श्रम कार्यालय को उपलब्ध कराते हुए प्रत्येक आवर्त निर्माण कार्य से कटौती की गयी उपकर की धनराशि सम्बन्धित बैंक खाते में जमा कराई जाय और बोर्ड की वेबसाईट पर फीड कराया जाय। इसके लिये विभागों को जनपद के क्षेत्रीय/जनपदीय श्रम कार्यालयों से आईडी-पासवर्ड एवं खाते का विवरण उपलब्ध कराया जाय।
https://www.ayodhyalive.com/उपकर-जमा-कराने-में-हीलाहव/