कर्म के अनुसार व्यवस्था का निर्धारण, जाति , पाति का भेद नहीं,मानवता ही सच्चा धर्म
देवी गौरांगी ने श्री राम कथा में कहा
रुदौली (अयोध्या) । नगर के अमानीगंज मार्ग पर श्री राम कथा के छठे दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक देवी गौरांगी जी ने कहा कि अगर हमे अपने धर्म को बचाना है तो हम सबको एक होना पड़ेगा,सबसे पहले हम सनातनी है ,हिंदू है जाति वाद का परित्याग कर हिंदुत्व की शक्ति को मजबूत करना होगा तभी भारत देश में हिंदू सुरक्षित रह पाएगा ।
अब समय आ गया है की हम सब एक होकर के भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करें । उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम चंद्र जी महाराज के राम राज की परि कल्पना करते हुए कहा कि जबश्री राम ने कोई भेद भाव नहीं किया तो हम आप को उनका अनुकरण कर भेद भाव, हीन भावना का परित्याग करना होगा । श्री राम ने मां शबरी के झूठे बेर खाए , निषाद राज को हृदय से लगाया ।
सुग्रीव, विभीषण को अभय देकर उनका मान सम्मान सुरक्षित रखा । उनकी मर्यादा से हम सभी को जीवन में उतारना चाहिए तभी परिवार समाज , राष्ट्र सुखी ब समृद्धि मई हो सकेगा । धर्म हमको यही सीख देता है की कोई भूखा न रहे , हमेशा निर्धन, पीड़ित असहाय की मदद करनी चाहिए ।परहित सरिस धर्म नही भाई।पर पीड़ा सम नहीं अधिमाई ।