निराश्रित मवेशी के कारण तबाह हो रही फसल और राहगीर हो रहे घायल
बलरामपुर – तराई में निराश्रित पशु लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं। राह चलते कब, कहां और कौन इनके कारण चोट खा जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। बुजुर्गों, बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा निराश्रित पशु बन चुके हैं। किसानों की गाढ़ी कमाई निराश्रित मवेशी चट कर रहे हैं। खेतों में खड़ी फसलों को मवेशियों के झुंड पहुंचकर नष्ट कर देते हैं। रात भर जागने के बावजूद अन्नदाता को अन्न बचाना मुश्किल हो रहा है।
खेती-किसानी के लिए समस्या बने निराश्रित जानवरों पर अंकुश लगाने के बजाय जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं। इस समय खेत में गेहूँ, मेंथा, गन्ना, सरसों, सब्जी आदि फसल लगी हुई है। निराश्रित मवेशी झुंड में रहते हैं जिनकी संख्या 40 से 50 के बीच होती है। ये फसलों को चरने के अलावा रौंदकर बर्बाद कर देते हैं। तराई के कुछ गांव में छुट्टा मवेशियों के डर से लोगों ने गेहूँ की खेती नहीं की है। सड़क हादसों और रोड जाम की वजह भी निराश्रित जानवर बन रहे हैं। शाम होते ही ललिया-हरिहरगंज मार्ग के बीच सड़क पर बैठे निराश्रित जानवर दुर्घटना का सबब बन रहे हैं। जिम्मेदार इस समस्या से मुंह मोड़ लिए हैं। लगभग हर जगह निराश्रित जानवरों को लेकर रोना मचा है। ब्लाक हर्रैया सतघरवा में तो निराश्रित पशुओं की संख्या तकरीबन दस हजार के ऊपर पहुंचने की संभावना है। अब तक इनके हमले में कई दर्जन लोग घायल हो चुके हैं।
मवेशियों के हमले में कई लोग हो चुके हैं घायल
माह भर के बीच क्षेत्र में निराश्रित मवेशियों के हमले से भवनियापुर निवासी पुत्तन व मोतीपुर निवासी राममनोरथ को शनिवार को छुट्टा पशु ने जख्मी कर दिया। दोनों व्यक्तियों का इलाज क्षेत्र के एक निजी चिकित्सक के यहां हुआ। बीते बुधवार को हिण्डुली निवासी छोटकऊ बाइक से मथुरा रोड पर जा रहे थे। सड़क पर भिड़े दो मवेशियों की टक्कर से वह चोटिल हो गए। इलाज के बाद हालत सामान्य है। सड़कों पर घूम रहे छुट्टा जानवर बड़े वाहन की चपेट में आकर अपनी जान गवां देते है। कई पशु घायल हो जाते है जो इलाज के अभाव में मर जाते है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि तीन माह के अंदर सड़क दुर्घटना में सात मवेशियों की मृत्यु हुई है।
ब्लाक हर्रैया सतघरवा के विभिन्न गांवों में बने पशु आश्रय निष्प्रयोज्य साबित हो रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर पशु आश्रय बनाने व निराश्रित पशुओं को उसमें रखने का फरमान जारी हुआ था लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते ज्यादातर पशु आश्रय अधूरे पड़े हैं। जो पशु आश्रय बने भी है वहां एक भी पशु नजर नहीं आते हैं। बीडीओ रामनिवास वर्मा ने बताया कि ब्लॉक के ज्यादातर ग्राम पंचायतों में पशु आश्रय स्थल बना हुआ है। निराश्रित मवेशियों को पशु आश्रय स्थल पर रखने का निर्देश है। सभी पशु आश्रय स्थल की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।