अयोध्या राममंदिर गर्भगृह : एक जून से शुरू होगा राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण, सीएम योगी रखेंगे पहली शिला
अष्टकोणीय होगा राममंदिर का गर्भगृह, बैठ सकेंगे 25 हजार श्रद्धालु
श्री रामलला के मंदिर के निर्माण में बुधवार का विशेष महात्व (दिनांक 25 मार्च 2020 बुधवार को अस्थाई फाइबर मंदिर में स्थापित, 05 अगस्त 2020 बुधवार को मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा भूमि पूजन तथा 01 जून 2022 बुधवार को श्री रामलला स्थाई मंदिर के लिए शिला पूजन
अयोध्या : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का महनीय अभियान निर्णायक चरण में पहुंच चुका है और एक जून से वह समय शुरू होने वाला है, जब एक-एक शिला संयोजित होने के साथ मंदिर निर्माण का चिर स्वप्न साकार होगा। एक जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गर्भगृह के निर्माण का शुभारंभ करेंगे।अब निर्माण में वे शिलाएं प्रयुक्त होंगीं, जिन्हें 1991 से ही निर्धारित माडल के अनुरूप तराशा जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के अनुसार मंदिर निर्माण का 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। गर्भगृह का निर्माण भी सीएम योगी आदित्यनाथ के पूजन के साथ ही प्रारंभ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक जून को रामलला के जिस गर्भगृह का भूमिपूजन करेंगे, वह रामजन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर की तरह भव्यता का पर्याय होगा। अकेला गर्भगृह ही एक हजार वर्ग फीट का है। गर्भगृह अष्टकोणीय होगा और इसकी दीवारों पर वैदिक परंपरा के देवी-देवताओं सहित यक्ष-यक्षिणियों की मूर्तियां उत्कीर्ण होंगी।गर्भगृह के सम्मुख क्रमश: विशालकाय होते तीन मंडप होंगे, जिन्हें मंदिर की परंपरा में जगमोहन कहा जाता है और वास्तु शास्त्र की दृष्टि से इन्हें कोली, नृत्य मंडप एवं रंग मंडप के नाम से जाना जाएगा,रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल कहते हैं कि यह मंडप बहुत विस्तृत होगा और इसमें एक साथ 25 हजार श्रद्धालु बैठ सकेंगे। संपूर्ण मंदिर 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है। तीन तल का मंदिर में 392 स्तंभों से युक्त होगा। भूतल पर 166, प्रथम तल पर 144 तथा दूसरे तल पर 82 स्तंभ लगेंगे।
भगवान श्री रामलला के गर्भगृह निर्माण के शिला पूजन कार्यक्रम का दिनांक 01 जून 2022 (बुधवार)को सजीव प्रसारण होगा, जिसे देश एवं विदेश के करोड़ों लोग एक साथ देख सकेंगे।
श्री रामलला के घर का निर्माण कार्य लगभग 500 सालों तक विवादितरहने के बाद दिनांक 09 नवम्बर 2019 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद प्रारम्भ किया गया है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 5 सदस्य न्यायमूर्ति पीठ जिसमें मुख्य न्यायमूर्ति श्री रंजन गोगोई की अध्यक्षता में गठित पीठ द्वारा 1024 पेज का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जो भारत के लिए संस्कृति एवं राष्ट्रवाद की प्रखर पहल थी।
इसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र जो माह जनवरी-फरवरी 2020 में आहूत होने के बाद 15 सदस्य श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नामक केंद्रीय न्यास का गठन किया गया था। इसमें केंद्रीय एवं राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा अयोध्या के जिलाधिकारी पदेन सदस्य नामित किया गया है,
श्री रामलला के मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव श्री नृपेंद्र मिश्रा को अध्यक्ष बनाया था, इसके बाद निर्माण कार्यो में तेजी आने लगी है तथा श्री रामलला को वर्तमान में अस्थाई फाइबर मंदिर में स्थापना हेतु कार्यवाही प्रारंभ की गई, जिसका कार्य बसंतीय नवरात्रि (चैत्र मास) की प्रथम तिथि 25 मार्च 2020 को नए फाइबर मंदिर में माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, न्यास के सदस्यों, धर्माचार्यों एवं अधिकारियों के साथ नए अस्थाई मंदिर में भगवान के विग्रह की स्थापना की गई, जहां सभी लोग आजकल दर्शन भी कर रहे हैं।
इस स्थापना के बाद देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मा0 श्री नरेंद्र मोदी जी, संघ प्रमुख श्री मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, मा0 राज्यपाल उ0प्र0 आनंदीबेन पटेल, न्यास के अध्यक्ष महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी एवं भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 250 पूज्य संत महात्माओं की उपस्थिति में मंदिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम संपन्न किया गया। इसमें सभी लोग प्रत्यक्षदर्शी हैं, उसी की कड़ी में मंदिर के नीवं, आधार स्तंभ एवं चबूतरे का निर्माण हो चुका है।
दिनांक 01 जून 2022 दिन बुधवार को वह पावन घड़ी आ गई है, जिसमें भगवान के गर्भ ग्रह एवं शिला पूजन के बाद श्री रामलला के अस्थाई घर का निर्माण मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, उपमख्यमंत्री मंत्रीगण, संत महात्माओं, धर्माचार्य एवं श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े मनीषियों के उपस्थिति में शिला पूजन एवं गर्भ ग्रह का निर्माण शुरू हो जाएगा।
अयोध्या में इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए आवश्यक तैयारियां एवं बैठके प्रारंभ हो चुकी हैंै। इसके क्रम में मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ साथ तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
इसके क्रम में मंडल एवं जिला प्रशासन द्वारा आम लोगों की सुविधा के लिए संबंधित प्रबुद्ध व्यक्तियों द्वारा संपूर्ण कार्यक्रम का सजीव प्रसारण की मांग की गई है, जिसके क्रम में मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव सूचना डॉ नवनीत सहगल, सूचना निदेशक श्री शिशिर द्वारा सजीव प्रसारण की सहमति व्यक्त की गई तथा इसकी जानकारी उप निदेशक सूचना/प्रभारी मुख्यमंत्री मीडिया सेन्टर डॉ0 मुरलीधर सिंह को आज विधानसभा के बजट सत्र में दी गई तथा एएनआई के राज्य प्रमुख सुश्री कामना हजेला से सजीव प्रसारण के लिए आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया गया।
आम जनमानस की सुविधा के लिए एलईडी वाहन एवं होर्डिंग, आदि की स्थापना भी की जाएगी। मा0 मुख्यमंत्री जी ने शिला पूजन संबंधित कार्यक्रम को भूमि पूजन कार्यक्रम की तरह संत महात्माओं के सहयोग से ऐतिहासिक बनाने हेतु शासन एवं जिला प्रशासन को निर्देश दिया है।
श्री रामलला मंदिर निर्माण में 318 स्तंभो, एक मुख्य शिखर व 05 उप शिखर एवं 161 फीट ऊॅचे, 360 फीट लम्बे व 235 फीट चैड़े मंदिर के लिए करीब 4 लाख घनफीट शिलाओ की तराशी होनी है। गर्भगृह के लिए अभी 70 प्रतिशत पत्थर तैयार है, शेष पत्थरो की नक्काशी व तराशी का कार्य अयोध्या सहित राजस्थान की 04 कार्यशालाओ में संचालित है।
विशेष लेख- श्री रामलला के मंदिर के सम्बन्ध मे डा0 मुरली धर सिंह उप निदेशक सूचना, अयोध्या धाम/ प्रभारी मुख्यमंत्री मीडिया सेन्टर लोक भवन लखनऊ। मो0-7080510637/9453005405 ईमेल-thmurli64@gmail.com