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विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान में अर्थ-डे पर इंटरेक्शन सेशन का आयोजन हुआ
जलवायु परिवर्तन का कारक ग्रीन हाउस गैसः प्रो0 आर0के0 मल्ल
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पर्यावरण विग्यान विभाग में अर्थ-डे के उपलक्ष्य में शनिवार को अपॉर्चुनिटी तथा एवीन्यूज आफ इन्वायरमेन्टल साइंस विषय पर इंटरेक्शन सेशन का आयोजन किया गया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इन्वायरमेंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट के डायरेक्टर प्रो0 आर0के0 मल्ल ने कहा कि पर्यावरण में लगातार हो रहे परिवर्तन कारण विकास है।
फिर भी विकास को रोका नही जा सकता क्योंकि यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा विकास करना चाहिए जो कि पर्यावरण को क्षति न पहुंचाए। इसलिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट की ओर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु में परिवर्तन ग्रीन हाउस गैसों के कारण हो रहा है। बल्कि यह प्राकृतिक रूप से हमारे पर्यावरण में उपस्थित हैं और मानव गतिविधियों के कारण इनकी सांद्रता में वृद्धि हो रही है। प्रो0 मल्ल ने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग, औद्योगिक क्रांति के बाद से औसत तापमान में वृद्धि हो रही है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि 2035 तक औसत वैश्विक तापमान में अतिरिक्त 0.3 से 0.7 सेल्सियस तक बढ़ सकता है। इससे तूफान, जंगल में आग, सूखा जैसे खतरे बढ़ जाने की आंशका है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से वर्तमान में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है। इसी तरह उत्सर्जन होते रहे तो आने वाले समय में बहुत सी समस्याओं से जूझना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि भारत के राज्यों में हो रहे मौसम परिवर्तन कहीं गुजरात और राजस्थान जैसी हालत न हो जाये। अन्य राज्यों को इन स्थितियों से निपटने के लिए अपनी शैली में परिवर्तन लाने की जरूरत है।
इसी क्रम में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के जियो फिजिक्स के प्रो0 ए0के0 पांडे ने छात्र छात्राओं को विषय से संबंधित जानकारी देते हुए पृथ्वी को संरक्षित करने का आह्वान किया। विश्वविद्यालय पर्यावरण विभागाध्यक्ष प्रो0 सिद्धार्थ शुक्ला ने कहा कि यदि हम विकास की ओर अग्रसर होंगे तो पर्यावरण में परिवर्तन तो होना निश्चित है। अपने को इको फ्रेंडली वर्क द्वारा परिवर्तन के प्रभाव को मिनिमाइज कर दे तो पर्यावरण में बैलेंस बना रहेगा। इस अवसर पर डॉ0 विनोद चैधरी, डॉ0 महिमा चैरसिया, डॉ0 गीतिका सोनकर, डॉ0 संजीव कुमार श्रीवास्तव, डॉ0 अमित मिश्रा, डॉ0 अरविंद कुमार, डॉ0 शशीकांत शाह, डॉ0 शाजिया, डॉ0 सौरभ सिंह, डॉ0 प्रवीण चंद्र सिंह, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
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