



अफ्रीकी देशों को 4000 टन मैदा का निर्यात करेगा अलीगढ़, सूजी व आटे की भी तैयारी
अलीगढ़ : रूस-यूक्रेन युद्ध से कई देशों में खाद्यान्न की आपूर्ति प्रभावित हुई है। ये दोनों देश अंतरराष्ट्रीय बाजार में 29 प्रतिशत गेहूं का निर्यात करते हैैं। इसलिए भारत से भारी मात्रा में गेहूं, आटा, सूजी व मैदा का निर्यात हो रहा है।
अलीगढ़ के ग्रुप आफ रामवे व आरसीएस ग्रुप को दक्षिण अफीक्री देशों से चार हजार टन मैदा निर्यात का आर्डर मिला है। ग्रुप आफ आरसीएस की एक हजार टन मैदा की पहली खेप तैयार हो चुकी है, जिसे जल्द भेजा जाएगा। कारोबारियों का कहना है कि सूजी व आटे के भी आर्डर मिलने जा रहे हैं,रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक बाजार में भारतीय गेहूं की मांग बढ़ गई है।
भारत से अब वो देश भी गेहूं खरीदने की बात कह रहे हैैं, जिन्होंने पहले कभी नहीं खरीदा था। चीन, तुर्की, बोस्निया, सूडान, नाइजीरिया व ईरान भारत से गेहूं लेने के इच्छुक हैं। अफ्रीका और मध्य-पूर्व क्षेत्र में मध्य प्रदेश से गेहूं का निर्यात किया जा रहा है। देश के विभिन्न राज्यों से आटा, सूजी व मैदा का निर्यात हो रहा है।आल इंडिया रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के महासचिव डी. मिलन ने फोन पर नई दिल्ली से बताया कि बीते मार्च में भारत ने 7.85 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया है।
यह पिछले वित्त वर्ष के 2.10 मिलियन टन की अपेक्षा यह बहुत ज्यादा है। उद्यमियों का कहना है कि भारत पड़ोसी बांग्लादेश के साथ दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, ओमान, व कतर को भी गेहूं निर्यात कर रहा है। डी. मिलन ने बताया कि निर्यात के कारण मुंद्रा व कांडला पोर्ट पर गेहूं के कार्गो की भीड़ लगी है।ग्रुप आफ रामवे के चेयरमैन प्रदीप सिंघल ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत विश्व गुरु के रूप में उभरा है।
देश से गेहूं के साथ मैदा, सूजी भी निर्यात की जा रही है। हमारे ग्रुप को 20 दिन पहले चार हजार टन मैदा निर्यात करने का आर्डर मिला है। पहली खेप में आरसीएस ग्रुप एक हजार टन मैदा अफ्रीकी देशों को भेज रहा है।
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