



वैश्विक प्राथमिकता लैंगिक समानता हो, युवा लड़कियों के लिए विज्ञान में पूर्ण भागीदारी हासिल हो- डॉ बिजेंद्र सिंह, कुलपति
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय द्वारा ”आत्मनिर्भर भारत के लिए कृषि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका” नाहेप परियोजना के अंतर्गत् विषय पर 11 फरवरी 2022 को राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में किया गया । राष्ट्रीय वेबीनार के आयोजक सचिव डॉ आर.के. जोशी,अधिष्ठाता, ने बताया कि राष्ट्रीय वेबीनार में देश भर से लगभग 200 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया ।
वेविनार के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि कृषि को समृद्ध बनाने में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है। वैश्विक प्राथमिकता, लैंगिक समानता एवं युवा लड़कियों के लिए विज्ञान में पूर्ण भागीदारी हासिल होनी चाहिए।
मुख्य प्रवक्ता प्रख्यात पदमश्री महिला वैज्ञानिक डाँ शोशमा आयपे, पूर्व निदेशक,सी.ए.स., एनिमल जेनेटिक्स एण्ड ब्रीडिंग,केरला द्वारा महिलाओं एवं छात्राओं को कृषि तथा कृषि से संबंधित क्षेत्रों में अपने विकास एवं अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुत ही उत्साहवर्धन व्याख्यान दिया गया। उन्होंने अपने एकेडमीक यात्रा के बारे में चर्चा किया, उसमें उन्होंने बताया कि किस तरह मात्र आठ वेचूर कैटल से उन्होंने एक बहुत ही बड़ी सेना खड़ा कर दी थी ,जिसमें कई संस्थाओं ने आकर उनके इस कार्य में अपने आप को सहयोग हेतु लगाया और जो पूरी तरह से लगभग विलुप्ति के कगार पर वेचूर कैटल खड़ी हो गई थी उसको उन्होंने एक नया जन्म दिया, इसीलिए केरला में श्रीमती सोसमा आयपे को लोग वेचूर कैटल के पुनर्जन्म की संज्ञा देते हुए उनको अम्मा आई पी के नाम से भी बुलाते हैं। कुलपति डाँ बिजेन्द्र सिंह ने आज की मुख्य वक्ता श्रीमती आयपे के बारे में बताते हुए कहा गया कि उनकी यात्रा से हमारे महिलाओं और छात्राओं को प्रेरणा लेने की जरूरत है कि वह प्रेरणा लेकर के किस तरह से समाज में आगे आ सकती हैं ,समाज में कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों के उत्थान के लिए कार्य कर सकती हैं ।
आज के कार्यक्रम की दूसरी वक्ता श्रीमती अलका गोयल अधिष्ठाता, गृह विज्ञान महाविद्यालय पंतनगर थी, उन्होंने भी छात्राओं को उत्साहवर्धक व्याख्यान देते हुए बताया कि कृषि और कृषि क्षेत्र में महिलाओं के लिए कहां-कहां स्थान है और महिलाओं ने किस तरह से उत्कृष्ट कार्य करके अपने आप को अग्रणी पंक्ति में स्थापित किया है।
इसी के क्रम में कल स्थानीय बाजार डेहली के हर्ष पी जी कॉलेज में लगभग डेढ़ सौ छात्राओं को पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा मोटिवेशनल व्याख्यान दिया गया तथा उनको इस क्षेत्र में आगे आने हेतु प्रेरित किया गया।
विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉक्टर अखिलेश सिंह ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने में वेबीनार के आयोजक सचिव, डॉ आर के जोशी, सह आयोजक सचिव डॉ नमिता जोशी, डॉ डी नियोगी , एवं संयुक्त आयोजक सचिव डॉ जसवंत सिंह, डॉ सत्यब्रत सिंह, डॉ जेपी सिंह, डॉ पंकज चौधरी, डॉ मुकेश, डॉ विभा यादव, डॉ केएन सिंह, डॉ नवीन कुमार सिंह का विशेष योगदान रहा। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन का श्रेय इस व्याख्यान के प्रेरणा स्रोत माननीय कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह द्वारा समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन का ही प्रतिफल है।
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