Tuesday, April 16, 2024
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 बेल के फायदे, उपयोग और नुकसान 

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बेल के फायदे, उपयोग और नुकसान

बेल का नाम सुनते ही सबसे पहले हमें इसके जूस की याद आती है। गर्मियों में सड़क किनारे और बाजार में जूस के ठेलों पर इस फल का जूस तेजी से बिकना शुरू हो जाता है। इस फल को हम जूस के रूप में ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और इसे सामान्य रूप से खाया भी जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बेल के फायदे के बारे में ही बताएंगे। इसके प्रयोग से कई स्वास्थ्य समस्याओं का हल चुटकियों में घर बैठे दूर हो सकता है। इस लेख में आपको बेल के गुण और बेल के नुकसान की भी जानकारी मिलेगी। बेल एक प्रकार का फल होता है। इसका कच्चा फल हरे रंग की एक सख्त परत से ढका होता है। वहीं, यह पकने के बाद पीले रंग का हो जाता है और इसकी बाहरी परत सख्त रहती है। इसका वैज्ञानिक नाम एगेल मार्मेलोस (Aegle Marmelos) है। इसे अंग्रेजी भाषा में वुड एप्पल और बिल्व के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर और दक्षिण भारत में इसके जूस का सेवन गर्मियों में बड़े पैमाने पर होता है। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए और जूस की ठंडी तासीर होने के कारण, इसका उत्पादन व्यावसायिक तौर पर भी किया जाने लगा है।

बेल के फायदे –बेल के सेवन से निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं में फायदा मिल सकता है-

1. सिरदर्द : कुछ मामलों में अगर सिरदर्द का इलाज समय रहते न किया जाए, तो घातक परिणाम का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बेल का सेवन इसके जोखिम से आपको बचा सकता है। बेल में विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है  और विटामिन-सी का सेवन माइग्रेन (सिरदर्द की एक स्थिति) के रोगियों में न्यूरोजेनिक सूजन को ठीक करने के काम कर सकता है।

2. पीलिया :पीलिया होने का एक कारण लीवर में सूजन होना माना जाता है । पीलिया से बचने के लिए भी बेल फल के फायदे देखे गए हैं। वैसे तो पारंपरिक तौर पर बहुत पहले से ही पीलिया के इलाज के लिए बेल का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, इस पर किए गए वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि बेल के फल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो लीवर में होने वाली सूजन को कम कर पीलिया के उपचार में मदद कर सकते हैं ।

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3. कॉलरा :कॉलरा एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो दस्त का कारण बन जाता है । इससे बचने के लिए बेल फल का सेवन फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल, बेल फल में एंटी-डायरिया गतिविधि पाई जाती है। अगर इसके जूस का सेवन किया जाए, तो बेल फल की एंटीडायरियल गतिविधि कॉलरा की समस्या के दौरान होने वाली डायरिया की शिकायत को कम करने में प्रभावी असर दिखा सकती है ।

4. आंखों के स्वास्थ्य :स्वस्थ आंखों के जरिए ही हम अपने आसपास की खूबसूरती को देख पाते हैं। आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेल फल खाना फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि बेल फल में विटामिन-ए की मात्रा पाई जाती है । विटामिन-ए का सेवन आंखों की रोशनी को बेहतर करने में मदद कर सकता है ।

5. डायरिया और कब्ज की स्थिति :अगर डायरिया का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। डायरिया की स्थिति में पतले दस्त होते हैं । बेल फल में एंटी-डायरिया गुण पाए जाते हैं जो न केवल डायरिया की चपेट में आने से बचाते हैं, बल्कि इससे होने वाले जोखिम से भी सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं ।

वहीं, कब्ज की समस्या में भी बेल का सेवन फायदा पहुंचा सकता है, क्योंकि इसमें क्रूड फाइबर की मात्रा पाई जाती है । क्रूड फाइबर पाचन में मदद करने के साथ कब्ज की समस्या को दूर करने में भी काम आ आ सकता है ।

6. बवासीर के इलाज के लिए :बवासीर की स्थिति में मलाशय के आसपास वाली नसों में सूजन आ जाती है और दर्द बना रहता है। बवासीर होने की मुख्य वजह में कब्ज की समस्या और लो फाइबर डाइट भी शामिल हैं । जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि कब्ज का इलाज करने और अच्छे फाइबर स्रोत के लिए बेल फल का सेवन किया जा सकता है। यह बवासीर से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है।

7. एनीमिया की स्थिति : एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। इसका सबसे आम कारण है शरीर में आयरन की कमी । वहीं, बेल के गूदे को खाकर आयरन की पूर्ति की जा सकती है, क्योंकि बेल फल में आयरन की मात्रा पाई जाती है, जो एनीमिया को ठीक करने में मदद कर सकता है ।

8. मधुमेह की समस्या : मधुमेह का इलाज और इससे होने वाले जोखिम से बचने के लिए भी बेल फल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर हुए वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, बेल में एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है, जो मधुमेह और इसके जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है ।

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9. हृदय स्वास्थ्य :हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बेल फल का सेवन फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल, ऐसा इसलिए मुमकिन हो सकता है, क्योंकि बेल को कार्डियोप्रोटेक्टिव का एक बढ़िया स्रोत माना जाता है । कार्डियोप्रोटेक्टिव एजेंट की तरह सक्रिय रूप से कार्य करते हुए यह हृदय को कई बीमारियों से बचाए रखने में काम आ सकता है। इस स्थिति में बेल फल के गूदे को खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

10. उल्टी की स्थिति :उल्टी की समस्या से अगर कोई परेशान है, तो उसे बेल की जड़ के काढ़े का सेवन कराया जा सकता है। यह उल्टी की स्थिति में काफी मदद कर सकता है। दरअसल, बेल की जड़ के काढ़े में एंटीबायोटिक क्रिया पाई जाती है, जो मतली और उल्टी के उपचार में लाभदायक हो सकती है । हालांकि, बेल फल का सेवन किस प्रकार उल्टी से राहत दिला सकता है, इस पर अभी वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

11. गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने के लिए :गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने के लिए लोग तरह-तरह के घरेलू उपाय अपनाते होंगे, जबकि बेल का सेवन इस मामले में भी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, बेल फल में प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं । एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने में मदद कर सकते हैं ।

12. टीबी रोग के लिए :टीबी रोग से बचने के लिए भी बेल फल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि बेल फल में एंटी-माइक्रोबियल क्रिया पाई जाती है। अध्ययन में यह भी बताया गया कि टीबी रोग के लिए यह क्रिया प्रभावी रूप से कार्य करते हुए एम ट्यूबरकुलोसिस – टीबी रोग के जिम्मेदार बैक्टीरिया) की वजह से होने वाले दुष्प्रभाव को कम कर सकती है ।

13. बाल झड़ने की समस्या में :बेल के फायदे बाल झड़ने की समस्या को भी ठीक कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि आयरन और जिंक की कमी से बाल झड़ने की समस्या होती है । ये दोनों पोषक तत्व बेल फल में पाए जाते हैं , इनके सेवन से बालों के झड़ने की समस्या को रोका जा सकता है। बेल चूर्ण के फायदे बालों के झड़ने की समस्या को दूर करने में कारगर हो सकते हैं।

14. सूजन से राहत पाने के लिए :कभी-कभी अज्ञात कारणों से या चोट लगने के कारण हमारे शरीर के किसी अंग में सूजन आ जाती है। इससे आराम पाने के लिए बेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, बेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं और ये गुण सूजन को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकते हैं ।

15. विटिलिगो :विटिलिगो त्वचा से जुड़ी ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों में त्वचा अपना रंग खो देती है । इस समस्या से कई लोग पीड़ित हैं। वहीं, बेल को औषधीय वृक्षों की श्रेणी में गिना जाता है। यही कारण है कि बेल के जूस का सेवन विटिलिगो से पीड़ित लोगों के इलाज में काम आ सकता है ।

16. रूसी से बचने के लिए :रूसी की समस्या से बचने के लिए बेल का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, बालों में रूसी की समस्या को ठीक करने के लिए जिंक जैसे पोषक तत्व आवश्यक माना जाता है। वहीं, बेल में जिंक की मात्रा पाई जाती है, जिसके सेवन से बालों की रूसी की समस्या को खत्म किया जा सकता है।

17. त्वचा के लिए :त्वचा के लिए बेल के तमाम फायदे देखे जा सकते हैं। एक रिसर्च पेपर में इस बात का जिक्र मिलता है कि बेल के रस को त्वचा पर लगाने से त्वचा पर हुए इन्फेक्शन में मदद मिल सकती है । ऐसे में ये कहा जा सकता है कि त्वचा पर बेल का रस लगाने से त्वचा पर होने वाले संक्रमण की समस्या को दूर किया जा सकता है।

बेल के पौष्टिक तत्व – बेल के खाने योग्य 64% हिस्से के पोषक तत्वों के बारे में आपको नीचे दी गई तालिका के माध्यम से बताया जा रहा है ।

बेल के फायदे :

  • डायरिया और पेचिश :

  • बार बार शौच जाने की समस्या :

  • खून साफ करने में मदद :

  • लू से बचाव :

  • किडनी के लिए फायदेमंद :

  • लीवर के लिए फायदेमंद :

  • स्कर्वी :

  • कान के दर्द से आराम :

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम

ऊर्जा 137 k.cal

मॉइस्चर 61.5gm

प्रोटीन 1.8gm

फैट 0.3

मिनरल 1.7gm

फाइबर 2.9gm

कार्बोहाइड्रेट 31.8gm

कैल्शियम 85.00mg

फास्फोरस 50mg

पोटैशियम 600mg

विटामिन-सी 8mg

बेल का उपयोग – बेल का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है-

बेल के गूदे से जूस बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है।

पके हुए बेल के गूदे को खाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

बेल फल का शरबत बनाकर सेवन किया जा सकता है। खासतौर पर, गर्मियों के मौसम में बेल के शरबत से शरीर को ठंडक और ऊर्जा मिलती है।

बेल का मुरब्बा खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

कब खाएं: बेल को दिनभर में किसी भी समय खा सकते हैं। हालांकि, इसका उपयोग दोपहर में ज्यादा किया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका सेवन गर्मियों में ही करना फायदेमंद होता है।

कितना खाएं: एक बार में आप बेल की 100 ग्राम मात्रा का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इसके सेवन से जुड़ी हुई सही जानकारी के लिए एक बार आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।

बेल के नुकसान – बेल खाने से निम्नलिखित नुकसान देखने को मिल सकते हैं-

बेल खाते समय इसके बीज को निकाल लें, नहीं तो इसके बीज गले में फंस सकते हैं।

बेल में शुगर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन टाइप 2 डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर का कारण भी बन सकता है। इसलिए, इसके अधिक सेवन से बचें।

बेल में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अधिक फास्फोरस नुकसान पहुंचा सकता है ।

बेल में कैल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है 

बेल का पत्ता खाने के नुकसान सेहत के लिए हो सकते हैं।

अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से बेल के शरबत के नुकसान भी हो सकते हैं।

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