किसान सम्मान निधि योजना : मझले व छोटे किसानों की मदद के लिए शुरू किए गए किसान सम्मान निधि योजना से आज करोड़ों किसान लाभान्वित हो रहे हैं। केंद्र सरकार के आठ साल पूरे होने पर आज शिमला में पीएम मोदी ने गरीब कल्याण सम्मेलन के दौरान जहां योजना के लाभार्थियों से बातचीत की, वहीं किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त भी जारी की। पीएम मोदी ने 10 करोड़ से ज्यादा किसानों को 21 हजार करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की।
त्रिशक्ति की हो रही चर्चा
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि गरीब का जब रोजमर्रा का संघर्ष कम होता है, तब वो अपनी गरीबी दूर करने के लिए नई ऊर्जा के साथ जुट जाता है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार पहले दिन से गरीब को सशक्त करने में जुटी। हमने उसके जीवन की एक-एक चिंता को कम करने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने कहा कि पहले योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है, जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है।
आइए जानते हैं क्या किसान सम्मान निधि योजना और कैसे पहुंचा रहा करोड़ों किसानों को लाभ
केंद्र सरकार ने 24 फरवरी 2019 को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6,000 रुपए प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है। यह प्रत्येक चार माह में 2,000 रुपए की तीन समान किस्तों में देय होता है। फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। ये किसान सम्मान निधि प्रधानमंत्री द्वारा ऐसे किसानों के लिए शुरू किया गया था, जो कि पूरी तरह से कृषि पर ही आश्रित हैं। लेकिन अगर परिवार में कोई टैक्स भरता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत देश भर के सभी किसान परिवारों को सहायता प्रदान कर, उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) का लक्ष्य देश भर के भू-जोत किसान परिवारों को कुछ विशेष अपवर्जन मानदंडों के अध्यधीन वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि कृषि और संबद्ध क्रियाकलापों के साथ-साथ घरेलू जरूरतों से संबंधित खर्चों के निर्वहन हेतु उन्हें सक्षम बनाया जा सके।
बता दें कि योजना की शुरुआत के बाद से अब तक दो-दो हजार रुपये की 10 किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई हैं। 10वीं किस्त 1 जनवरी 2022 को ट्रांसफर किया गया था। केंद्र सरकार इस योजना के तहत अब तक किसानों के बैंक खाते में अब तक 1.8 लाख करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर कर चुकी है।
योजना का लाभ के लिए ई-केवाईसी जरूरी
वहीं बता दें कि इस बार केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को जरूरी कर दिया है। इसे पूरा करने पर ही योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता का लाभ किसान उठा सकेंगे। इसके लिए सबसे पहले पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर, होमपेज पर दाएं ओर ई-केवाईसी का ऑप्शन पर क्लिक करना है। उसके बाद जो भी जानकारी मांगी जा रही है उसे भरना होगा।
स्व-पंजीकरण व्यवस्था
किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को अधिकतम लाभ देने के लिए मोबाइल ऐप, पीएम किसान पोर्टल और सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से वॉक-इन के माध्यम से लाभार्थियों के स्व-पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और आसान बनाया गया है।
शिकायत निवारण और हेल्पडेस्क
लाभार्थियों को होने वाली परेशानियों और समस्याओं के समाधान के लिए एक समग्र शिकायत निवारण व्यवस्था की गई है, जिसमें केंद्र में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की एक केंद्रीय परियोजना प्रबंधन इकाई की स्थापना शामिल है, जो सभी हितधारकों के बीच प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए समग्र समन्वय करता है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान आने वाली किसी भी समस्या या किसी अन्य प्रश्न के संबंध में लाभार्थियों का समर्थन करने के लिए एक केंद्रीकृत हेल्पडेस्क भी शुरू की गई है। इस पहल के माध्यम से किसानों से लगभग 11.34 लाख शिकायतें प्राप्त हुई हैं और संबंधित राज्य अधिकारियों द्वारा 10.92 लाख से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया है।
वास्तविक रूप से सत्यापन की व्यवस्था
योजना की प्रामाणिकता और वैधता बनाए रखने के लिए योजना में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार हर साल 5 प्रतिशत लाभार्थियों का अनिवार्य रूप से वास्तविक सत्यापन किया जा रहा है। वास्तविक रूप से सत्यापन व्यवस्था की सहायता से अब भौतिक सत्यापन के लिए लाभार्थी का चयन पूरी तरह से स्वचालित हो गया है और किसी व्यक्ति विशेष के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
जनसांख्यिकीय आधार प्रमाणीकरण
इस पूरी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रमाणित बनाने के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। योजना में अभी तक 11.20 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का डेटा आधार से जुड़ चुका है।