Friday, April 26, 2024
spot_img

जाने कोरोना एक कफ है पर ये एक सूखा कफ है : वैद्य आर पी पांडेय

60 / 100

जाने कोरोना एक कफ है पर ये एक सूखा कफ है : वैद्य आर पी पांडेय

नागपुरी हल्दी बुलंदी काली मिर्च सेंधा नमक और गाय का घी उच्च कोटि के कफ नाशक और गले की खराश को ठीक करने के लिए आयुर्वेद में अमृत की तरह काम करते हैं

JOIN

कोरोना एक कफ है पर ये एक सूखा कफ है। हमारे डाक्टर जितनी भी एंटीबायटिक दवाईयां देते हैं वो कफ को सुखाने के लिए देते है लेकिन ये पहले ही सूखा हुआ कफ है तो इस पर कोई असर नहीं होता। इसी वजह से इसका इलाज अभी तक नहीं ढूंढा जा सका क्योंकि वो अपने दायरे से हटकर नहीं सोच रहे।पर आयुर्वेद में इसका बहुत ही सरल व सीधा निदान है। आयुर्वेद में कहा गया है कि कफ की बीमारी की काटना सबसे आसान है।

अब में इस बीमारी को काटने का सूत्र आपको समझाता हूं जोकि पूर्णतः वैज्ञानिक है। आयुर्वेद के हिसाब से प्रत्येक खाद्य वस्तु के गुण बताएं गए है। जैसे हर खाद्य पदार्थ अपनी प्रकृति के अनुसार या तो कफनाशक (कफ को नष्ट करने वाले) होता है या कफवर्धक( कफ को बढाने वाले) होता है। अब जिसको कोरोना है उसको एक बंद कमरे में क्वारंटाईन करके हमें सीधा सा काम ये करना है कि उसको कफवर्धक खाद्य वस्तुओं को देना बंद करना है और ज्यादातर कफनाशक चीजों का सेवन कराना है। जब इस वायरस को अपने बढाने के लिए खाद्य पदार्थ ही नही मिलेगा और जो मिलेगा वह कफ को नष्ट करने वाला है तो मैं गारंटी देता हूं पांच दिन के अंदर यह नष्ट हो जाएगा और मरीज ठीक हो जाएगा।

अब कफवर्धक चीजों की लिस्ट देख लीजिए जो कि काफी लंबी हैः-

1. कोई भी मांस, अंडा,
2. घी, कोई भी तेल, दूध, लस्सी, पनीर, दही।
3. प्याज, आलू, उडद की दाल, चने की दाल, अरवी, शकरकन्दी, फूलगोभी, बंदगोभी, शिमला मिर्च, टमाटर, लहसुन, मशरुम।
4. संतरा, सेब, केला, ग्लूकोज,
5. बिस्कुट, गेहूं का आटा, ब्रेड,

नोटः- अंग्रेजी डाक्टर यही मर रहे है क्योंकि वो कफवर्धक चीजों का सेवन मरीज को करा रहैं है। कफनाशक चीजें देख लिजिए।

1. अदरक, हल्दी, तुलसी, काली मिर्च।
2. शिलाजीत, मुलेहठी, आमलकी रसायन, काला बांसा।
3. जौं की रोटी, मूंग दाल, घिया, तोरी, जीरा, सेंधा नमक,
4. मीठा अनार, चीकू, नारियल पानी।
इसके पांच इलाज में नीचे लिख रहा हूं जिनमें से हरएक इलाज अपने आप में पर्याप्त है इसके निदान के लिएः-

1. कोरोना मरीज को सिर्फ अदरख, हल्दी, तुलसी और काली मिर्च (पाउडर रुप में) का दूध देते रहे। गाय का दूध वो भी देशी हो तो सर्वोत्तम है। उसे कुछ और ना दे। दिन में तीन टाईम ये देते रहें। एक गिलास दूध में मिलाकर गर्म करके। हां वो पानी पी सकता है अगर चाहे तो पर वो भी गर्म होना चाहिए। 5 दिन लगातार इस प्रक्रिया से मरीज पूर्णत स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। इसे ऐसे समझें कफ का सोर्स बंद। कफ खत्म।

2. दिन में तीन टाईम दुध के साथ एक एक चम्मच शिलाजीत रोगी को दे। अर्थात तीन गिलास दुध और तीन चम्मच शिलाजीत। उसे कुछ और ना दे। शिलाजीत अत्यंत कफनाशक है। दिन में तीन टाईम ये देते रहें। एक गिलास दूध में मिलाकर गर्म करके। हां वो पानी पी सकता है अगर चाहे तो पर वो भी गर्म होना चाहिए। 5 दिन लगातार इस प्रक्रिया से मरीज पूर्णत स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। कफ नाशक चीजें इस कफजनित बीमारी को बहुत जल्द ठीक करेंगी।

3. एक चम्मच मुलेहठी को दूध के साथ दें। दिन में तीन बारे। और हां दूध हमेशा गर्म ही होना चाहिए। उसे कुछ और ना दे। दिन में तीन टाईम ये देते रहें। एक गिलास दूध में मिलाकर गर्म करके। हां वो पानी पी सकता है अगर चाहे तो पर वो भी गर्म होना चाहिए। 5 दिन लगातार इस प्रक्रिया से मरीज पूर्णत स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। याद रखें ये सुगर के मरीज को ना दें क्योंकी मुलेहठी मीठी होने शुगर को बहुत ज्यादा बढा देती है।
4. अभ्रक भस्म (शतपुटी) शहद या मलाई या दुध में मिलाकर तीन वक्त दें खाली पेट। अभ्रक भस्म की मात्रा 1 ग्राम के आसपास होनी चाहिए। उसके लेने के दो घंटे बाद मरीज को एक गिलास दूध दें। ऐसा दिन में तीन बार करे। मरीज को और कुछ ना दे।लगातार पांच दिन यही प्रकिया चलनी चाहिए। हां गर्म पानी पी सकता है मरीज।

5. काला बांसा को जलाकर उसकी राख शहद में मिलाकर दें। और दो घंटे बाद गाय का दूध दे एक गिलास गर्म। दिन में तीन बार ऐसा करे। लगातार पांच दिन यही करे।

दूध वैसे तो कफवर्धक है परन्तु गाय या बकरी का दूध में कफनाशक चीजें मिलाकर खाने से इसकी प्रवृत्ति बदल जाती है। भैंस का दूध ज्यादा कफवर्धक होता है बजाय की गाय या बकरी के दूथ के।इसके अलावा कुछ अन्य उपचार नीचे हैः

1. अन्य कफनाशक चीजों का सेवन। हां अनुपान रुप में सिर्फ गाय का गरम दूध ही लें।

2. जहां मरीज हो उस कमरे का तापमान 45-50 डिग्री तक रखें। उसे लगातार पसीना आएगा और उसका कफ जलना शुरु होजाएगा। ये कोरोना के विकास के लिए विषम परिस्थिति का निर्माण करता है। भारत देश के लिए खुशखबरी ये है कि आगे भयंकर गर्मी आने वाली है जिससे इस वायरस को फैलने में स्वयं रुकावट हो जाएगी।

3. अगर पेशेंट में इतनी शक्ति है कि वो रनिंग कर सकता है तो वो आधा घंटा सवेरे आधा घंटा शाम को दौड लगाए चाहें कितना ही मंदी क्यों ना दौडा जाए पर लगातार आधा घंटा दौडते रहें। यहा विज्ञान ये है कि जब शरीर में मेहनत होती है तो सबसे पहले कफ जलता है। ऐसा करने से उसका कफ जलेगा। हां खान पान में ये ध्यान रखना है कि कोई भी कफवर्धक चीज ना ले। जौं की रोटी खाए। और घीया तोरी या मूंग की दाल खाए। वो भी कम।

4. अगर पांच दिन तक सिर्फ मरीज को गर्म पानी ही दिया जाए और कुछ भी ना दिया जाए तो उसका कफ स्वयं खत्म हो जाएगा। हां मरीज थोडा कमजोर अवश्य हो सकता है। पर कफ का सोर्स अवश्य बंद हो जाएगा और उसका शरीर खुद इस कफ को खत्म कर देगा। याद रखे आम आदमी 60 दिन तक सिर्फ पानी पानी पर जीवित रह सकता है। भगत सिंह का साथी जतिनदास भूख हडताल के 64वें दिन मरा था। और वे सिर्फ पानी ही पी रहें थे। इसलिए बैफिक्र रहें।

5. जो आदमी एक घंटा सवेरे एक घंटा शाम को मेडिटेशन करता है उसका शरीर स्वयं इस बीमारी को समाप्त कर देता है क्योंकि उसे ईश्वरीय उर्जा प्राप्त होने लगती है। ये सारे प्रयोग आयुर्वेद के अनुसार है। इसलिए में कहता हूं ।

JOIN

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

For You
- FOLLOW OUR GOOGLE NEWS FEDS -spot_img
डा राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विश्वविद्यालय अयोध्या , परीक्षा समय सारणी
spot_img

क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने से कांग्रेस को फायदा हो सकता है?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
प्रभु श्रीरामलला सरकार के शुभ श्रृंगार के अलौकिक दर्शन का लाभ उठाएं राम कथा सुखदाई साधों, राम कथा सुखदाई……. दीपोत्सव 2022 श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फोटो के साथ बताई राम मंदिर निर्माण की स्थिति