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शेक्सपियर के नाटकों के पात्र सार्वभौमिक : डॉ. प्रियंका त्रिपाठी
अंग्रेजी विभाग में मनाई गई शेक्सपियर की जयन्ती
शेक्सपियर के नाटकों के पात्र सार्वभौमिक हैं। शेक्सपियर द्वारा रचित पात्रों की लोकप्रियता का प्रभाव समय और स्थान की सीमाओं से बंधा नहीं है। विलियम शेक्सपियर किसी एक देश के नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के साहित्यकार हैं। शेक्सपियर के साहित्य में केवल अंग्रेजी साहित्य नहीं बल्कि सभी विषयों के लोगों की रुचि है। बॉलीवुड के कई फिल्मों का कथानक उनके नाटकों पर आधारित रहा है। उनके नाटकों पर बनाई फिल्मों के कारण ही विशाल भारद्वाज को भारत का शेक्सपियर कहा जाने लगा।
उक्त बातें आईआईटी पटना के ह्यूमैनिटीज एन्ड सोशल साइंसेज विभाग की अध्यक्ष डॉ. प्रियंका त्रिपाठी ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा शेक्सपियर की 458वीं जयंती के अवसर पर अयोजित एक ऑनलाइन व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए डॉ प्रियंका त्रिपाठी ने कहा कि मैकबेथ’ पर आधारित फिल्म ‘मकबूल, ओथेलो पर आधारित ओंकारा, हैमलेट पर आधारित हैदर फिल्में हाल के वर्षों में विशाल भारद्वाज द्वारा बनाई गई हैं। जो कि भारतीय प्रष्ठ भूमि पर आधारित होने के कारण काफ़ी लोकप्रिय रही .
अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला ने अतिथि का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि दुनियाभर में अंग्रेजी साहित्य के लोग शेक्सपियर के जन्मदिवस पर कार्यक्रम आयोजित करते हैं और उनकी कृतियों पर विमर्श करते हैं। विलियम शेक्सपियर की कृतियां विश्व साहित्य के लिए एक उपलब्धि हैं। उनके कार्यों के सांस्कृतिक प्रभाव ने युगों को पार कर लिया है। अलग-अलग समय में उनके लेखकीय कार्यों ने अन्य लेखकों को प्रेरित किया है। शेक्सपियर के नाटकों में कॉमेडी, ऐतिहासिकता और त्रासदी होती है। शेक्सपियर के अनेक नाटक पाठ्यक्रम में सम्मिलित हैं।
इंटरैक्टिव सेशन में विष्णु मिश्रा, प्रगति गोयल, योगेन्द्र सिंह, डॉक्टर ब्रजेश कुमार, प्रीति मौर्या अपनी विभिन्न जिज्ञासा को लेकर प्रश्न भी पूछे।
स्टूडेंट ऑर्गेनाइजिंग बॉडी के सदस्य के तौर पर कार्यक्रम का ऑनलाइन संचालक नितेश सिंह, दिव्या राय प्रोग्राम का संचालन श्रेया तिवारी, स्वागत भाषण शांभवी तिवारी द्वारा एवं मीडिया प्रभारी के रूप में रितेश गुप्ता एवं पीयूष सिंह का भी योगदान रहा । धन्यवाद ज्ञापन रिसर्च स्कॉलर रेनू ने किया।
इस दौरान विभाग के सभी शिक्षक, शोधछात्र एवं अनेक विद्यार्थी कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े रहे।
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